नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री की पूजा, शुभ मुहूर्त और विधि

Shailputri: प्रतिपदा शैलपुत्री-रविवार, 29 सितंबर से नवरात्र शुरु हो रहे हैं। नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा पर घरों में घटस्थापना की जाती है। प्रतिपदा पर मां शैलपुत्री के स्वरूप का पूजन होता है। शैलपुत्री को देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों में प्रथम माना गया है। मान्यता है कि नवरात्र में पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने से व्यक्ति को चंद्र दोष से मुक्ति मिल जाती है। आइए जानते हैं मां को प्रसन्न करने के लिए किस शुभ मुहूर्त में और किस विधि से करनी चाहिए मां की अराधना।

Shailputri: देवी का नाम शैलपुत्री इसलिए पड़ा-
हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण देवी का नाम शैलपुत्री पड़ा। कथा के अनुसार दक्षप्रजापति ने यज्ञ का आयोजन किया। उसमें समस्त देवताओं को आमंत्रित किया किंतु भगवान शिव को नहीं बुलाया। सती यज्ञ में जाने के लिए आतुर हो उठीं। भगवान शिव ने बिना निमंत्रण यज्ञ में जाने से मना किया लेकिन सती के आग्रह पर उन्होंने जाने की अनुमति दे दी। वहां जाने पर सती का अपमान हुआ। इससे दुखी होकर सती ने स्वयं को यज्ञाग्नि में भस्म कर लिया। तब भगवान शिव ने क्रोधित होकर यज्ञ को तहस नहस कर दिया। वही सती अगले जन्म में शैलराज हिमालय की पुत्री के रूप में जन्मीं और शैलपुत्री कहलाईं। काशी में इनका स्थान मढिया घाट बताया गया है जो वर्तमान में अलईपुर क्षेत्र में है।

Shailputri: नवरात्रि के और कलश स्थापना के नियम क्या हैं?

  • नवरात्रि में जीवन के समस्त भागों और समस्याओं पर नियंत्रण किया जा सकता है

  • नवरात्रि के दौरान हल्का और सात्विक भोजन करना चाहिए

  • नियमित खान पान में जौ और जल का प्रयोग जरूर करना चाहिए

  • इन दिनों तेल, मसाला और अनाज कम से कम खाना चाहिए

  • कलश की स्थापना करते समय जल में सिक्का डालें

  • कलश पर नारियल रखें और कलश पर मिट्टी लगाकर जौ बोएं

  • कलश के निकट अखंड दीपक जरूर प्रज्ज्वलित करें

Shailputri: कलश स्थापना का मुहूर्त क्या है?

  • कलश की स्थापना आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है

  • इस बार प्रतिपदा तिथि 29 सितम्बर को प्रातःकाल से रात्रि 08.14 तक है

  • इसलिए कलश की स्थापना रात्रि 08.14 के पूर्व कर ली जाएगी

Shailputri: अगर मूलाधार चक्र कमजोर है तो इसके लक्षण क्या हैं?

  • व्यक्ति का स्वास्थ्य सामान्यतः कमजोर रहता है

  • कुछ न कुछ बीमारियां लगी रहती हैं

  • व्यक्ति के अंदर पशुता का भाव रहता है

  • व्यक्ति जीवन में कभी कभी स्वार्थी भी हो जाता है

Shailputri: नवरात्रि के पहले दिन क्या करें उपाय कि मूलाधार चक्र मजबूत हो जाए?

  • दोपहर के समय लाल वस्त्र धारण करें

  • देवी को लाल फूल और लाल फल अर्पित करें

  • देवी को ताम्बे का सिक्का भी अर्पित करें

  • इसके बाद पहले अपने गुरु का स्मरण करें

  • तत्पश्चात अपने आज्ञा चक्र पर ध्यान लगाएं

  • ध्यान जितना लम्बा और गहरा होगा, लाभ उतना ही ज्यादा होगा

Shailputri: पहला शारदीय नवरात्र 2019 शुभ मुहूर्त- 

घट स्थापना का शुभ मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 16 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट तक (29 सितंबर 2019)
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 48 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक (29 सितंबर 2019)

Shailputri: ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा-
मां शैलपुत्री की अराधना करने से पहले चौकी पर मां शैलपुत्री की तस्वीर या प्रतिमा को स्थापित करें। इसके बाद उस पर एक कलश स्थापित करें। कलश के ऊपर नारियल और पान के पत्ते रख कर एक स्वास्तिक बनाएं। इसके बाद कलश के पास अंखड ज्योति जला कर ‘ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ओम् शैलपुत्री देव्यै नम:’ मंत्र का जाप करें। इसके बाद मां को सफेद फूल की माला अर्पित करते हुए मां को सफेद रंग का भोग जैसे खीर या मिठाई आदि लगाएं। इसेक बाद माता कि कथा सुनकर उनकी आरती करें। शाम को मां के समक्ष कपूर जलाकर हवन करें।

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