AranyaKand

अरण्यकाण्ड -ARANYAKAND

अरण्यकाण्ड वाल्मीकि कृत रामायण और गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस का एक भाग (काण्ड या सोपान) है।

AranyaKand कुछ काल के पश्चात राम ने चित्रकूट से प्रयाण किया तथा वे अत्रि ऋषि के आश्रम पहुँचे। अत्रि ने राम की स्तुति की और उनकी पत्नी अनसूया ने सीता को पातिव्रत धर्म के मर्म समझाये। वहाँ से फिर राम ने आगे प्रस्थान किया और शरभंग मुनि से भेंट की। शरभंग मुनि केवल राम के दर्शन की कामना से वहाँ निवास कर रहे थे अतः राम के दर्शनों की अपनी अभिलाषा पूर्ण हो जाने से योगाग्नि से अपने शरीर को जला डाला और ब्रह्मलोक को गमन किया। और आगे बढ़ने पर राम को स्थान स्थान पर हड्डियों के ढेर दिखाई पड़े जिनके विषय में मुनियों ने राम को बताया कि राक्षसों ने अनेक मुनियों को खा डाला है और उन्हीं मुनियों की हड्डियाँ हैं। इस पर राम ने प्रतिज्ञा की कि वे समस्त राक्षसों का वध करके पृथ्वी को राक्षस विहीन कर देंगे। राम और आगे बढ़े और पथ में सुतीक्ष्ण, अगस्त्य आदि ऋषियों से भेंट करते हुये दण्डक वन में प्रवेश किया जहाँ पर उनकी मुलाकात जटायु से हुई। राम ने पंचवटी को अपना निवास स्थान बनाया। AranyaKand

AranyaKand पंचवटी में रावण की बहन शूर्पणखा ने आकर राम से प्रणय निवेदन-किया। राम ने यह कह कर कि वे अपनी पत्नी के साथ हैं और उनका छोटा भाई अकेला है उसे लक्ष्मण के पास भेज दिया। लक्ष्मण ने उसके प्रणय-निवेदन को अस्वीकार करते हुये शत्रु की बहन जान कर उसके नाक और कान काट लिये। शूर्पणखा ने खर-दूषण से सहायता की मांग की और वह अपनी सेना के साथ लड़ने के लिये आ गया। लड़ाई में राम ने खर-दूषण और उसकी सेना का संहार कर डाला।शूर्पणखा ने जाकर अपने भाई रावण से शिकायत की। रावण ने बदला लेने के लिये मारीच को स्वर्णमृग बना कर भेजा जिसकी छाल की मांग सीता ने राम से की। लक्ष्मण को सीता के रक्षा की आज्ञा दे कर राम स्वर्णमृग रूपी मारीच को मारने के लिये उसके पीछे चले गये। मारीच के हाथों मारा गया पर मरते मरते मारीच ने राम की आवाज बना कर 'हालक्ष्मण' का क्रन्दन किया जिसे सुन कर सीता ने आशंकावश होकर लक्ष्मण को राम के पास भेज दिया। लक्ष्मण के जाने के बाद अकेली सीता का रावण ने छलपूर्वक हरण कर लिया और अपने साथ लंका ले गया। रास्ते में जटायु ने सीता को बचाने के लिये रावण से युद्ध किया और रावण ने उसके पंख काटकर उसे अधमरा कर दिया। AranyaKand

AranyaKand सीता को न पा कर राम अत्यंत दुखी हुये और विलाप करने लगे। रास्ते में जटायु से भेंट होने पर उसने राम को रावण के द्वारा अपनी दुर्दशा होने व सीता को हर कर दक्षिण दिशा की ओर ले जाने की बात बताई। ये सब बताने के बाद जटायु ने अपने प्राण त्याग दिये और राम उसका अंतिम संस्कार करके सीता की खोज में सघन वन के भीतर आगे बढ़े। रास्ते में राम ने दुर्वासा के शाप के कारण राक्षस बने गन्धर्व कबन्ध का वध करके उसका उद्धार किया और शबरी के आश्रम जा पहुँचे जहाँ पर कि उसके द्वारा दिये गये झूठे बेरों को उसके भक्ति के वश में होकर खाया| इस प्रकार राम सीता की खोज में सघन वन के अंदर आगे बढ़ते गये। AranyaKand

अरण्यकाण्ड में शूर्पणखा वध से सीता हरण प्रकरण तक के घटनाक्रम आते हैं। आगे  अरण्यकाण्ड से जुड़े घटनाक्रमों की विषय सूची दी गई है। आप जिस भी घटना के बारे में पढ़ना चाहते हैं उसकी लिंक पर क्लिक करें।

Error: View 347d972fqz may not exist

श्री राम और मुर्ख जयंत – SHRI RAM AUR MURKH JAYANT

श्री राम और मुर्ख जयंत – SHRI RAM AUR MURKH JAYANT SHRI RAM AUR MURKH JAYANT देवराज इन्द्र के पुत्र ...
Read More

देवी अनुसुइया की सिता को सिख – DEVI ANUSUIYA KEE SITA JEE KO SIKH

देवी अनुसुइया की सिता को सिख DEVI ANUSUIYA KEE SITA JEE KO SIKH DEVI ANUSUIYA KEE SITA JEE KO SIKH ...
Read More

SHRI RAM AUR RISHI SHARAMBHAJEE – श्री राम और ऋषि शरम्भजी

 श्री राम और ऋषि शरम्भजी – SHRI RAM AUR RISHI SHARAMBHAJEE SHRI RAM AUR RISHI SHARAMBHAJEE  वन मे घुमते हुए ...
Read More

श्री राम और ऋषि सुतिक्ष्ण – SHRI RAM AUR RISHI SUTIKSHNA

श्री राम और ऋषि सुतिक्ष्ण – SHRI RAM AUR RISHI SUTIKSHNA SHRI RAM AUR RISHI SUTIKSHNA मुनि अगस्त्य जी के ...
Read More

PANCHAVATI ME SHRI RAM AUR SURPNAKHA – पंचवटी में श्री राम और सूर्पनखा

पंचवटी में श्री राम और सूर्पनखा PANCHAVATI ME SHRI RAM AUR SURPNAKHA PANCHAVATI ME SHRI RAM AUR SURPNAKHA भगवन श्री ...
Read More

SITA HARAN – सीता हरण

सीता हरण – SITA HARAN SITA HARAN जब रावण उस वन के पास पहुंचा जहां श्री राम रहते थे तो ...
Read More

शबरी – SHABARI

शबरी – SHABARI SHABARI श्री राम सीता की खोज करते हुए बढे आगे रस्ते में जाते हुए वे शबरी के ...
Read More

श्री राम और देव मुनी नारद संवाद – SHREE RAM AUR NARAD SANVAD

श्री राम और देव मुनी नारद संवाद SHREE RAM AUR NARAD SANVAD SHREE RAM AUR NARAD SANVAD भगवान को विरहयुक्त ...
Read More

Ayodhya Me Anand

Ayodhya Me Anand – अयोध्या में आनंद Ayodhya Me Anand इधर भरतजी भी हर्षित होकर अयोध्यापुरी में आए और उन्होंने ...
Read More