Month: November 2016

शिव-पार्वती संवाद-2

शिव-पार्वती संवाद शिव-पार्वती संवाद – हे सती तुम धन्य हो, तुम्हारी बुद्धि अत्यंत पवित्र है। श्री रघुनाथजी के चरणों में तुम्हारा कम प्रेम नहीं है। (अत्यधिक प्रेम है)। अब वह परम पवित्र इतिहास सुनो, जिसे सुनने से सारे लोक के भ्रम का नाश हो जाता है। तथा श्री रामजी के चरणों में विश्वास उत्पन्न होता …

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शिव-पार्वती संवाद-1

शिव-पार्वती संवाद शिव-पार्वती संवाद – शिवजी कहते हैं – हे गिरिजे सुनो, मैंने यह उज्ज्वल कथा, जैसी मेरी बुद्धि थी, वैसी पूरी कह डाली। श्री रामजी के चरित्र सौ करोड़ (अथवा) अपार हैं। श्रुति और शारदा भी उनका वर्णन नहीं कर सकते, भगवान श्री राम अनंत हैं, उनके गुण अनंत हैं, जन्म, कर्म और नाम …

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