शिव-पार्वती संवाद-2
शिव-पार्वती संवाद शिव-पार्वती संवाद – हे सती तुम धन्य हो, तुम्हारी बुद्धि अत्यंत पवित्र है। श्री रघुनाथजी के चरणों में तुम्हारा कम प्रेम नहीं है। (अत्यधिक प्रेम है)। अब वह परम पवित्र इतिहास सुनो, जिसे सुनने से सारे लोक के भ्रम का नाश हो जाता है। तथा श्री रामजी के चरणों में विश्वास उत्पन्न होता …
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