SHRI RAM KA SAMUDRA PAR NARAJ HONA – TAS
SHRI RAM KA SAMUDRA PAR NARAJ HONA – TAS समुद्र पर श्री रामजी का क्रोध और समुद्र की विनती SHRI RAM KA SAMUDRA PAR NARAJ HONA – TAS – इधर तीन दिन बीत गए, किंतु जड़ समुद्र विनय नहीं मानता। तब श्री रामजी क्रोध सहित बोले- बिना भय के प्रीति नहीं होती, हेलक्ष्मण धनुष-बाण लाओ, मैं …
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