39-53 कर्मयोग का विषय
Bhagvad Gita Chapter 2 Sankhyog Part 4: कर्मयोग का विषय एषा तेऽभिहिता साङ्ख्ये बुद्धिर्योगे त्विमां श्रृणु । बुद्ध्या युक्तो यया पार्थ कर्मबन्धं प्रहास्यसि ॥ भावार्थ : हे पार्थ! यह बुद्धि तेरे लिए ज्ञानयोग के विषय में कही गई और अब तू इसको कर्मयोग के (अध्याय 3 श्लोक 3 की टिप्पणी में इसका विस्तार देखें।) विषय में …